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चीन ने दोस्‍त नेपाल को लगाया बड़ा चूना, अरबों रुपये के प्‍लेन निकले कबाड़, अब बेचने की है तैयारी

चीन ने दोस्‍त नेपाल को लगाया बड़ा चूना, अरबों रुपये के प्‍लेन निकले कबाड़, अब बेचने की है तैयारी

Nepal Chinese Planes: नेपाल को चीन ने अरबों रुपये का चूना लगाया है। नेपाल के चीन से खरीदे 6 व‍िमान कबाड़ निकले हैं। नेपाल एयरलाइंस अब इन विमानों को बेचने की तैयारी कर चुकी है। नेपाल इन विमानों के चीन को 6.66 अरब नेपाली रुपये दिए थे लेकिन अब उसे मात्र 22 करोड़ रुपये ही मिलने की उम्‍मीद है।

नेपाल एयरलाइंस के चीनी विमानों की मुसीबत बढ़ी, सरकार चाहती है मुक्ति

काठमांडू: चीन के साथ रिश्‍ते बढ़ा रहे नेपाल को ड्रैगन ने अरबों रुपये का चूना लगाया है। नेपाल एयरलाइंस अपने चीन से खरीदे प्‍लेन को बेचने जा रही है। इन विमानों को नेपाल ने चीन से 6.66 अरब नेपाली रुपये या 5 करोड़ डॉलर में खरीदा था। ये सभी चीनी यात्री विमान ‘कबाड़’ निकले और अब उनको रखना भी नेपाली एयरलाइंस के लिए भारी पड़ रहा है। नेपाल ने साल 2014 से 2018 के बीच में 6 विमानों को खरीदा था जिसमें से एक दुर्घटना का शिकार हो गया। ये विमान उड़ने की बजाय तब से एयरपोर्ट पर खड़े हैं और उनको रखने का भी पैसा देना पड़ रहा है।

इन चीनी व‍िमानों में दो 56 सीट वाले MA60 और 17 सीटों वाले Y12e विमान शामिल हैं। चीन के इन विमानों को चालू हालत में रखना नेपाली एयरलाइन के लिए बड़ा भारी पड़ रहा है। वह भी तब जब नेपाली एयरलाइंस कर्ज के तले दबी हुई है। नेपाली एयरलाइंस ने बताया कि इन‍ विमानों को उड़ाने के लिए पायलट नहीं मिल रहे हैं और क्रैश होने की घटना के बाद अब एयरलाइन इनसे जल्‍द से जल्‍द मुक्ति चाहती है। ये चीनी विमान पिछले 3 साल से खड़े हैं और नेपाल एयरलाइंस के लिए मुसीबत बन गए हैं।

चीनी व‍िमानों की कीमत कबाड़ के बराबर

काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की सरकारी एयरलाइंस अब मात्र 22 करोड़ नेपाली रुपये में ही इन चीनी विमानों से मुक्ति चाहती है। इस दाम को एक स्‍वतंत्र संस्‍था ने तय किया है। यही नहीं इन विमानों के मूल्‍य की जांच के लिए भी नेपाली एयरलाइंस को 20 हजार डॉलर चुकाने पड़े हैं। एक अधिकारी ने कहा कि यह क‍बाड़ के बराबर कीमत है। इससे पहले नेपाल एयरलाइंस ने इन विमानों को लीज पर देने की कोशिश की थी लेकिन उसकी योजना सफल नहीं हो सकी है।

नेपाल एयरलाइंस का बोर्ड इतने महंगे प्‍लेन को इतने कम दाम में बेचने के लिए सहमत नहीं है। एक अधिकारी ने कहा, ‘हर कोई दुविधा में है। नेपाल एयरलाइंस का बोर्ड इतने कम कीमत में इन विमानों को बेचने पर सहमत नहीं है।’ वहीं नेपाल एयरलाइंस ने जोर देकर कहा है कि ये चीनी विमान उड़ने लायक नहीं हैं। उसने कहा है कि इन चीनी विमानों को बेचना ही अब एकमात्र विकल्‍प बचा हुआ है। इन विमानों को तभी बेचा जा सकता है जब नेपाल एयलाइंस का बोर्ड मंजूरी दे। इस तरह से अब नेपाल के लिए चीनी विमान जी का जंजाल बन गए हैं।

शैलेश कुमार शुक्ला के बारे में

शैलेश कुमार शुक्ला असिस्टेंट न्यूज एडिटर

शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।Read More

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