ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के गैंगस्टर पर शिकंजा लगातार कस रहा है। सरिया और स्क्रैप माफिया रवि नागर (रवि काना) गिरोह की करीब 100 करोड़ की संपत्ति सील करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई का दायरा बढ़ा दिया है। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने गुरुवार को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली में बनी कोठी को सील किया है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 80 करोड रुपये बताई जा रही है। जांच पड़ताल में सामने आया है कि इस कोठी में माफिया के गिरोह में काम करने वाली गैंगस्टर काजल झा रहती है। वह उसकी कथित गर्लफ्रेंड है। चर्चा है कि यह कोठी रवि ने उसे गिफ्ट में दी थी। इसी बीच गिरोह के दो अन्य गैंगस्टरों की लोकेशन मिलने के बाद पुलिस ने घेराबंदी शुरू कर दी है। इसके अलावा पुलिस को गिरोह के दिल्ली, गाजियाबाद, देहरादून, पंजाब, बुलंदशहर स्थित कई ठिकाने, संपत्ति और गोदामों का पता चला है। पुलिस टीम ने कई शहरों में डेरा डाल दिया है। जल्द इन ठिकानों पर कार्रवाई की तैयारी है।

शहरों में पुलिस ने बढ़ाई दबिश

डीसीपी शाद मियां खान ने बताया कि स्क्रैप माफिया रवि को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने लगातार शहरों में दबिश दी है। पुलिस में इसकी न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 1000 मीटर में बनी कोठी को सील किया है। इस कोठी में गैंगस्टर एक्ट की वांछित सुमन झा रहती थी। पुलिस जब पहुंची तो कोठी में कोई नहीं था। वहां से पुलिस ने महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए हैं, जिसमें लेनदेन और कंपनियों के कागजात शामिल हैं। डीसीपी का कहना है कि अभी कोठी को सील किया है। सीज करने की कार्रवाई कोर्ट के माध्यम से होगी। इससे अलग देहरादून, नैनीताल, राजस्थान समेत कई और प्रदेश के शहरों में संपत्ति होने की आशंका है।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने कासना और दादूपुर उसके घर पर छापा मारने के दौरान कई बोरियां बरामद हुईं। चर्चा थी कि उनमें नोट है, लेकिन जांच करने पर कुछ बरामद नहीं हुआ। आशंका है की 100 करोड़ से अधिक कैश अलग-अलग ठिकानों पर छुपाया गया है। वहीं, देहरादून में भी रवि काना ने गैंगस्टर पत्नी मधु के लिए कोठी बनाई है। इस पर जल्द ही पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

बैंक खाते और एटीएम बंद कराए

डीसीपी ने बताया कि रवि और उसके गैंग के सभी सदस्यों के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया है। इससे अलग एटीएम समेत तमाम कार्डों को भी ब्लॉक करने के लिए संबंधित बैंक को सूचित कर दिया गया है, जिससे कि आरोपी अपने अकाउंट से रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर न कर सके।

35 से अधिक कंपनियों में ट्रांसपोर्ट के ठेके

पुलिस की जांच में सामने आया है कि रवि सिर्फ स्क्रैप माफिया नहीं बल्कि बड़ा ट्रांसपोर्टर भी है। उसके 35 से अधिक कंपनियों में ट्रांसपोर्ट के ठेके हैं। उसके ट्रांसपोर्ट में 300 से अधिक ट्रक और अन्य गाड़ियां चल रही हैं। हर महीने करोड़ों रुपये ट्रांसपोर्ट से कमाई है।

गैंगस्टर के करीबी भी फरार

पुलिस टीमें आरोपियों के जिन ठिकानों पर पहुंच रही है वहां से न केवल गैंगस्टर बल्कि उनके करीबी व कर्मचारी भी फरार मिल रहे हैं। सभी को डर सता रहा है कि गैंगस्टरों के साथ रहने व काम करने के कारण उन पर कार्रवाई न हो जाए। वहीं, आरोपियों के सबसे बड़े मददगार व सफेदपोशों में अफरा-तफरी का माहौल है। वह किसी तरह खुद को गिरोह से अलग दिखाने व कार्रवाई से बचने की जुगाड़ लगा रहे हैं।

जिले में जिस दौरान सुंदर भाटी और रणदीप भाटी गिरोह पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही थी उसी दौरान रवि गिरोह काले कारोबार को बढ़ाने में जुटा था। गिरोह नेता और अफसर से पहचान बढ़ा रहा था। तमाम अधिकारी आए और ट्रांसफर होने के बाद चले गए लेकिन उन्होंने रवि के गैंग पर कभी कार्रवाई नहीं की।

बड़े नेताओं के साथ लगे हैं होर्डिंग

रवि के बड़े भाई हरेंद्र नागर और भाभी के पूरे शहर में तमाम नेताओं के साथ होर्डिंग लगे हैं। होर्डिंग के माध्यम से नए साल की शुभकामनाएं दी जा रही। इस परिवार के कई सदस्यों पर मुकदमे दर्ज होने के बावजूद शहर के बड़े नेता ने भी होर्डिंग में उनके फोटो लगाने का विरोध नहीं किया। तमाम होर्डिंग पर लगे नेताओं के फोटो पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहे हैं। यहां तक की कुछ लोग करीबी होने के भी आरोप लगा रहे हैं।

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