Curated by योगेंद्र मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 10 Feb 2024, 11:31 am
UAE Hindu Mandir: संयुक्त अरब अमीरात में पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर पूरी तरह बन गया है। इस मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को किया जाएगा। दोनों देशों में हिंदू समुदाय के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। मुस्लिम देश में यह मंदिर सांस्कृतिक विविधता और सहिष्णुता का प्रतीक है। आइए जानें इसके बारे में।
हाइलाइट्स
- यूएई में हिंदू मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार है
- 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन होगा
- यह मंदिर सहिष्णुता का प्रतीक कहा जा रहा है
यह यूएई और भारत के बीच सांस्कृतिक समृद्धि, धार्मिक सहिष्णुता और द्विपक्षीय सहयोग का जश्न मनाएगा। यह दोस्ती के स्थायी बंधन और साझा मूल्यों का भी प्रतीक है जो दोनों देशों को एकजुट करता है। बीएपीएस मंदिर सहयोग, विश्वास और विविधता में एकता की शक्ति का एक प्रमाण है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करता है। पश्चिम एशिया का यह सबसे बड़ा मंदिर होगा। यह पूरी तरह से पत्थर का बना है। आइए जानें इससे जुड़ी खास बातों के बारे में।
मंदिर से जुड़ी 10 खास बातें
- बीएपीएस मंदिर का निर्माण बड़ी मात्रा में संगमरमर, बलुआ पत्थर और ईंटों से हुआ है। 4 लाख घंटे से ज्यादा श्रम के साथ इसे बनाया गया है।
- यह मंदिर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। पूरा होने पर इसकी ऊंचाई 108 फीट होती है, जो देखने लायक है।
- इस मंदिर का एक रिकॉर्ड भी है। यह पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। BAPS मंदिर के पैमाने और भव्यता ने वास्तुशिल्प उत्कृष्टता और सांस्कृतिक महत्व में नए मानक स्थापित किए।
- इसका डिजाइन एक प्रेरणा है। वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरणा लेते हुए मंदिर का डिजाइन परंपरा और विरासत के प्रति गहरी श्रद्धा को दिखाता है। भारत में कारीगरों ने सावधानीपूर्वक जटिल नक्काशी की और मूर्तियां बनाई।
- पीएम मोदी की यूएई यात्रा के दौरान मंदिर परियोजना के लिए जमीन का आवंटन हुआ था। यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कूटनीतिक और सहयोग के महत्व को दिखाता है।
- इसमें भारत के कुशल कारीगरों ने अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अभिनेता अक्षय कुमार और संजय दत्त जैसी प्रमुख हस्तियों समेत 50 हजार से ज्यादा लोगों ने निर्माण में भाग लिया है, जो एक सामान्य लक्ष्य की दिशा में सामूहिक प्रयास का प्रतीक है।
- मंदिर के डिजाइन में एकीकृत सात शिखर हैं जो अमीरात की एकता का प्रतीक है।
- मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को एक भव्य समारोह के साथ मनाया जाएगा, जो सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सांप्रदायिक समारोहों के संगम का प्रतीक है, जिसे उपयुक्त रूप से सद्भाव का त्योहार नाम दिया गया है।
- इस मंदिर के निर्माण में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आया है।
- धार्मिक महत्व के साथ मंदिर परिसर एक बहुआयामी स्थान है, जिसमें आगंतुक केंद्र, प्रार्थना स्थल, पर्दर्शनी, बच्चों के खेलने का स्थान, फूड कोर्ट, किताबें और उपहार की दुकान शामिल है। मंदिर की नीव में 100 सेंसर और पूरे क्षेत्र में 350 से ज्यादा सेंसर हैं, जो तापमान, भूकंप और दबाव से जुड़े डेटा देते हैं।
योगेंद्र मिश्रा के बारे में
नवभारत टाइम्स में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। इन्हें डिजिटल पत्रकारिता में लगभग 5 साल का अनुभव है। न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष से होते हुए वह अब नवभारत टाइम्स में अपना सफर जारी रखे हुए हैं। देश विदेश और साइंस से जुड़ी खबरों में इन्हें खास रुचि है।… Read More