Erdogan Egypt Visit: म‍िस्र और तुर्की के बीच एक दशक से चल रही दुश्‍मनी खत्‍म होने जा रही है। तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगान पहली बार मिस्र के दौरे पर जा रहे हैं। यही नहीं तुर्की अब मिस्र को हमलावर ड्रोन विमान देने को भी राजी हो गया है। पाकिस्‍तानी दोस्‍त तुर्की ने मिस्र की चिंताओं को भी दूर करने का प्रयास किया है।

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मिस्र के दौरे पर जा रहे तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगान
अंकारा: दुनिया के दो सबसे कट्टर दुश्‍मन देशों मिस्र और तुर्की के बीच करीब एक दशक के बाद दोस्‍ती होने जा रही है। तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान बुधवार को मिस्र के राष्‍ट्रपति अब्‍देल फतह अल सीसी के बुलावे पर काहिरा जा रहे हैं। इस यात्रा को ऐतिहासिक माना जा रहा है। एर्दोगान ऐसे समय पर मिस्र जा रहे हैं जब गाजा में युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया का माहौल बहुत तनावपूर्ण बना हुआ है। एर्दोगान और सीसी दोनों ने ही एक-दूसरे को पिछले एक दशक से अवांछित व्‍यक्ति करार दे रखा है। यह तनाव तब शुरू हुआ जब साल 2013 में अल सीसी ने अपने पूर्ववर्ती मिस्र के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुर्सी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। मुर्सी को एर्दोगान का करीबी सहयोगी माना जाता था।

हालांकि साल 2021 में मिस्र और तुर्की के बीच पर्दे के पीछे चले राजनयिक प्रयासों के बाद रिश्‍ते फिर से मधुर होने शुरू हुए। इसके बाद साल 2022 में सीसी और एर्दोगान के बीच पहली बार कतर में फुटबॉल विश्‍वकप के दौरान संक्षिप्‍त मुलाकात हुई। तुर्की और मिस्र के बीच सुधरते हुए रिश्‍तों का संकेत उस समय मिला जब पिदले सप्‍ताह तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान ने कहा कि उनका देश मिस्र को किलर ड्रोन की सप्‍लाई कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि हमारे बीच ड्रोन और अन्‍य तकनीकों की आपूर्ति को लेकर एक समझौता हुआ है।

तुर्की के ‘खलीफा’ एर्दोगान को झुकना पड़ा

गाजा युद्ध के बीच फिदान ने अक्‍टूबर में काहिरा की यात्रा की थी और राष्‍ट्रपति सीसी समेत मिस्र के वरिष्‍ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। तुर्की के राष्‍ट्रीय रक्षा विश्‍वविद्यालय में प्रफेसर मेहमेत ओजकान का कहना है कि यह बदलाव अब रणनीतिक रिश्‍तों में बदल रहा है। अरब क्रांति के बाद निश्चित रूप से तुर्की और मिस्र के बीच कुछ मुद्दों पर विवाद था लेकिन अब रिश्‍ते बदल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि फिदान तुर्की के अन्‍य देशों के साथ रिश्‍तों को सुधारने में जुट गए हैं। इसी का नतीजा है कि तुर्की ने स्‍वीडन के नाटो में शामिल होने को स्‍वीकार किया, अमेरिका से एफ-16 जेट की डील को मान्‍यता दी। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा तुर्की ने अपने विरोध को भुलाकर ग्रीस के साथ बातचीत की। तुर्की अब यूएई और सऊदी अरब के साथ भी अपने रिश्‍ते सुधार रहा है। ओजकान ने कहा कि मिस्र के साथ बातचीत भी इसी प्रयास का हिस्‍सा है। मिस्र और तुर्की दोनों ही देशों के बीच कई शीर्ष राजनयिक पिछले दिनों में एक-दूसरे के यहां गए हैं। वहीं तुर्की ने अपनी अकड़ को भुलाकर मुस्लिम ब्रदरहूड के नेताओं से दूरी बनानी शुरू की है जो मिस्र की चिंता का मुख्‍य विषय हैं। बता दें कि तुर्की जहां पाकिस्‍तान के बेहद करीब है, वहीं भारत और मिस्र के बीच बढ़‍िया दोस्‍ती है। मिस्र के राष्‍ट्रपति पिछले दिनों भारत आए थे।

शैलेश कुमार शुक्ला के बारे में

शैलेश कुमार शुक्ला

शैलेश कुमार शुक्ला

शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।… Read More

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