लखनऊ: लखनऊ में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या से सनसनी फैल गई है। लूट के विरोध में मोहिनी को मौत के घाट उतारने वाले हत्यारे बेहद शातिर हैं। पहचाने जाने के डर से दोनों हेल्मेट लगा कर आए थे। घर में लगे कैमरे का डीवीआर भी उठा ले गए। खुद के खिलाफ सबूत मिटाने के लिए मोहिनी के शव को पानी डालकर कायदे से साफ किया। यहीं नहीं अलमारी से लेकर घर में रखे जिस भी सामान को हाथ लगाया उसे बाथरूम में पानी भरे टब में डालकर कायदे से धोया। यहीं वजह है कि घटनास्थल से पुलिस को उनके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला। शरीर और सारा सामान भीगा होने से डॉग स्क्वॉड भी चकमा खा गया और घर में ही घूमता रहा।
43 मिनट मकान में रुके थे हत्यारे
पड़ोसी के मकान में लगे कैमरे में हत्यारे 7:13 बजे मकान में दाखिल होते और 7:56 बजे निकलते दिखाई दे रहे हैं। उन्हें देवेंद्र और दूध देने आने वाले इमरान की गतिविधियों के बारे में पता था। पूछताछ में इमरान ने 7:10 बजे के आस-पास दूध देकर वापस लौटने का जिक्र किया है। तीन मिनट बाद ही हत्यारे घर में दाखिल हुए इससे ये साफ है कि देवेंद्र के गोल्फ क्लब निकलने के बाद वह इमरान के इंतजार में आस-पास ही खड़े थे। इमरान के दूध देकर जाते ही दोनों घर में दाखिल हुए हत्या के बाद लूटपाट कर फरार हो गए।
सीसीटीवी में आम्रपाली की ओर भागते दिखे
रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र की पत्नी की लूट के विरोध में हत्या का पता चलते ही पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर, जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरी, एसीपी गाजीपुर विकास जायसवाल फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। जांच में जुटी क्राइम ब्रांच समेत पांच टीमें हत्यारों का सुराग लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे खंगालने में जुट गए। पड़ोसी के मकान से मिले फुटेज में दोनों घर के सामने वाली गली में जाते दिखाई दिए। रूट चार्ट बनाकर 100 से अधिक कैमरे खंगाले गए तो दोनों आम्रपाली की ओर जाते दिखाई दिए।
रास्ते से वाकिफ थे बिना नंबर की स्कूटी सवार हत्यारे
जिस जगह रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र दुबे का मकान है कि वहां कई अन्य वीआईपी लोग रहते हैं। करीब 500 मीटर के इलाके में आने वाले सभी मकानों को पांच गेट लगाकर कवर किया गया है। जिसमें तीन गेट खुलते हैं, जबकि रिंग रोड से सटे दो गेट बंद रहते हैं। हत्यारे आम्रपाली से आने वाले रास्ते पर मौजूद गेट से दाखिल हुए और वहीं से निकल गए। चेहरा छिपाने के लिए दोनों ने हेल्मेट लगा रखा था, पुलिस को चकमा देने के लिए स्कूटी पर नंबर प्लेट तो थी, लेकिन नंबर नहीं था। गाड़ी चला रहे हत्यारे ने काली, जबकि पीछे बैठे हत्यारे ने सफेद टी शर्ट पहन रखी थी। हुलिए से दोनों की उम्र का अंदाजा 30 वर्ष के आस-पास लगाया जा रहा है।
झोपड़ियों में हत्यारों को तलाश रही पुलिस
घटनास्थल से करीब 800 मीटर दूर कुकरैल बंधे के किनारे कई आसामी लोग झुग्गी डालकर रहते हैं। छानबीन में जुटी पुलिस की एक टीम ने झुग्गी में रहने वाले लोगों से पूछताछ की। हालांकि, काफी प्रयास के बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं लगा।
200 मीटर दूर है रिंग रोड चौकी
रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र दुबे का घर रिंग रोड से सटा दूसरा मकान है। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से रिंग रोड से सटा गेट बंद रहता है। देवेंद्र के मकान से रिंग रोड चौकी महज 200 मीटर की दूरी पर है। तड़के सुबह बिना नंबर की स्कूटी सवार बदमाश लूटपाट और हत्या कर फरार हो गए और गश्त का दावा करने वाली पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
लेखक के बारे में
ऐश्वर्य कुमार राय नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में बतौर प्रिंसिपल डिजिटल कॉन्टेंट प्रड्यूसर कार्यरत। गृहनगर पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर, जहां जन्म से लेकर स्कूल तक शिक्षा-दीक्षा हुई। ग्रैजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से करने के बाद भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में पीजी-डिप्लोमा की पढ़ाई। पेशेवर सफर देश की एकमात्र त्रिभाषीय एजेंसी UNI-वार्ता से शुरू हुआ। फिर NBT के साथ आगे की यात्रा। दिल्ली और लखनऊ कर्मभूमि। यात्रा, सिनेमा, दर्शन, इतिहास में दिलचस्पी।… और पढ़ें