पटना: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी की आशंका जताई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि राहुल गांधी को देश में कोई गंभीरता से नहीं लेता है। भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुस्तान में कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। तो बताइये, हम लोग उन्हें गंभीरता से कैसे लेंगे? वो जो भी अनाप-शनाप बोलते हैं उन्हें बोलने दीजिए। राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि उन्हें (भाजपा) को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया।
राहुल गांधी का बयान
राहुल ने कहा था कि मुझे सूत्रों ने बताया है कि ईडी छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। सतीश चंद्र दुबे ने आरक्षण मामले को लेकर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें मौका मिला था, तब उन्होंने प्रदेश के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने अलकतरा घोटाला किया, पशुपालन घोटाला किया। वह सत्ता की कुर्सी पर बैठने के लिए बेचैन हैं। सरकार गिरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखते हैं।
तेजस्वी का सोशल पोस्ट
दरअसल राजद नेता तेजस्वी यादव आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दे पर नीतीश की राज्य और एनडीए की केंद्र सरकार को लगातार घेर रहे हैं। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लंबा पोस्ट करके लिखा कि वंचित और उपेक्षित वर्गों के कल्याणार्थ जातिगत जनगणना करवाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने दशकों तक सड़क से सदन तक कठिन संघर्ष किया है।
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तेजस्वी यादव का बयान
तेजस्वी यादव ने लिखा कि जब बिहार में महागठबंधन सरकार बनी तब मात्र 17 महीने में ही हमने स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी राज्य में जाति आधारित गणना करवाकर इसके आंकड़े प्रकाशित कराए। जातिगत जनगणना के जो आंकड़े आए उसके आधार पर बिहार में नवंबर 2023 में सभी वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई। दिसंबर 2023 में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष भी इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने का आग्रह किया, लेकिन आरक्षण विरोधी भाजपा और एनडीए सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
तेजस्वी यादव पर हमला
उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार बनने के आठ महीने बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ है। नई आरक्षण सीमा के अंतर्गत प्रदेश की लाखों नियुक्तियों में नौकरी पाने से पिछड़े/अति पिछड़े और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग वंचित रह जाएंगे। पूर्व डिप्टी सीएम ने लिखा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी हमने कहा था कि अगर भाजपा/जदयू पिछड़ा और वंचित वर्ग हितैषी है तो बिहार की आरक्षण सीमा को 9वीं अनुसूची में डाले, देश में जातिगत गणना कराए और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे। लेकिन तीनों में से एक भी कार्य नहीं हुआ। जदयू की कहीं कोई नहीं सुन रहा। ये सब बस सत्ता के मजे ले रहे हैं।
लेखक के बारे में
प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता में 16 वर्षों से ज्यादा समय से सक्रिय. पॉलिटिकल साइंस और जर्नलिज्म में डिग्री. 2003 में जनसत्ता, हिंदुस्तान और दैनिक जागरण में लिखने की शुरुआत. ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय, प्रभात खबर डॉट कॉम और नेटवर्क 18 में काम. चार लोकसभा चुनाव और कई विधानसभा चुनावों में रिपोर्टिंग और डेस्क का काम. राजनीति, इतिहास, साहित्य, संगीत, रंगकर्म और लोक संस्कृति में दिलचस्पी.… और पढ़ें