Puja Khedkar Certificate Controversy: यूपीएससी ने बुधवार को दिल्ली HC को सूचित किया कि वह दो दिनों के भीतर पूर्व ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने के अपने आदेश से उन्हें अवगत कराएगी। कोर्ट ने कहा कि निरस्तीकरण आदेश को चुनौती देने जैसी अन्य राहत के लिए खेडकर को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जाना होगा।

हाइलाइट्स

  • संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने दिल्ली हाईकोर्ट को दिया जवाब
  • पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने के आदेश की कॉपी 2 दिनों में देगा
  • पूजा खेडकर को जाना होगा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट)
Trainee IAS Pooja Khedkar

पुणे/नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह पूर्व ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने के अपने आदेश की जानकारी दो दिनों के भीतर उन्हें दे देगा। यूपीएससी की दलीलों पर गौर करते हुए जस्टिस ज्योति सिंह ने आयोग की प्रेस रिलीज को चुनौती देने वाली खेडकर की याचिका का निपटारा कर दिया। इसमें कहा गया था कि उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी गई है।

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को कानून के अनुसार उचित मंच पर जाने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका का निपटारा किया जाता है। यह साफ किया जाता है कि इस कोर्ट ने मामले के गुण-दोष पर न तो कोई विचार किया है और न ही कोई राय व्यक्त की है और वर्तमान याचिका दायर करने से मामले के गुण-दोष पर उचित मंच की ओर से निर्णय लिए जाने में कोई बाधा नहीं आएगी। कोर्ट ने खेडकर से यूपीएससी को अपना पता देने को कहा और कहा कि आदेश उन्हें भौतिक रूप से और इलेक्ट्रॉनिक रूप से दिया जाए।

खेडकर को जाना होगा कैट

साथ ही कहा कि निरस्तीकरण आदेश को चुनौती देने जैसी अन्य राहत के लिए खेडकर को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जाना होगा। सुनवाई के दौरान खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि निरस्तीकरण आदेश के बारे में उन्हें कभी नहीं बताया गया और उन्हें इसके बारे में केवल प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पता चला।

अदालत ने क्या पूछा?

जब अदालत ने पूछा कि उन्होंने कैट से अपनी चुनौती क्यों नहीं ली, तो खेडकर के वकील ने कहा कि चूंकि यूपीएससी की ओर से उन्हें आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया था, इसलिए प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। यूपीएससी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक ने कहा कि आयोग की ओर से आदेश खेडकर को दो दिनों के भीतर उनके ईमेल आईडी और उनके अंतिम ज्ञात पते पर सूचित कर दिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

31 जुलाई को यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया। उन पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अपने आवेदन में ‘गलत जानकारी प्रस्तुत करने’ का आरोप लगाया गया था। खेडकर पर धोखाधड़ी करने और ओबीसी और विकलांगता कोटा लाभों का गलत तरीके से लाभ उठाने का भी आरोप लगाया गया था। 1 अगस्त को यहां की एक ट्रायल कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि ये गंभीर आरोप हैं जिनकी गहन जांच की आवश्यकता है।

सुजीत उपाध्याय

लेखक के बारे में

सुजीत उपाध्याय

सुजीत उपाध्याय ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर, उत्तराखंड से एमए इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ह‍िन्‍दुस्‍तान और दैन‍िक जागरण मेंं बतौर र‍िपोर्टर काम क‍िया। ज़ी मीड‍िया से ड‍िज‍िटल में शुरुआत। इंड‍िया डॉट कॉम ह‍िंंदी में दो साल काम करने के बाद नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन से जुड़े।… और पढ़ें

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