रांचीः झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) को लेकर राज्य में खासा उत्साह है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि जेएमएमएसवाई योजना को लेकर अत्यंत उत्साहजनक समाचार है। उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह 11 बजे तक 22 लाख से अधिक बहनों ने सफलतापूर्वक फॉर्म भरा हैं। मंईयां सम्मान योजना को लेकर रविवार को भी प्रज्ञा केंद्रों में महिलाओं की भीड़ देखी गई।
देर रात तक 26 लाख फॉर्म भरे जाने की संभावना
सीएम हेमंत सोरेन ने बताया कि इस योजना के तहत रविवार रात्रि तक 26 लाख से अधिक महिलाओं की ओर से फॉर्म भर दिए जाने की संभावना है। झारखंड सरकार की ओर से मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की 50 लाख महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये पेंशन देने का फैसला लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों के दौरान इस योजना के तहत 50 लाख महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाएगा।
सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की मेहनत सराहनीय
हेमंत सोरेन ने बताया कि पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर के हर कर्मचारियों की मेहनत सराहनीय है। सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रयास के कारण ही यह योजना एक जन मुहिम में बदल गई है। साथ ही इंडिया अलायंस समेत सभी दलों के कार्यकर्ताओं का भी आभार है, उनके प्रयास से ही इतने कम समय में 22 लाख से अधिक महिलाओं का रजिस्ट्रेशन पूरा हो पाया है।
अगस्त में ही पहली किस्त बैंक खाते में भेजने की तैयारी
मंईयां सम्मान योजना के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद काफी गंभीर नजर आ रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि इसी महीने से रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाओं के बैंक खाते में एक हजार रुपये की राशि ट्रांसफर शुरू हो जाए। इस योजना के तहत 21 से 50 वर्ष तक महिलाओं को पेंशन का लाभ मिलेगा, लेकिन इसके लिए झारखंड का निवासी होना आवश्यक है।
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नवभारत टाइम्स डिजिटल के बिहार-झारखंड टीम में कार्यरत। राजस्थान पत्रिका में दिसंबर 2005 से लेकर अप्रैल 2020 तक झारखंड प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने का मौका मिला। दूरदर्शन रांची और आकाशवाणी केंद्र के प्रादेशिक समाचार एकांश में आकस्मिक सहायक संपादक के रूप में 17 साल का सफर। रांची एक्सप्रेस, आज, देशप्राण समेत कई अन्य हिन्दी और उर्दू अन्य समाचार पत्रों और वेबपोर्टल के लिए लंबे समय तक स्वतंत्र रूप से लेखन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 2000 में संवाद समिति एक्सप्रेस मीडिया सर्विस से पत्रकारिता की शुरुआत के बाद 2001 से झारखंड की राजधानी रांची अब कर्मस्थल। देश-विदेश की सामाजिक और राजनीतिक खबरों में विशेष रूचि। पत्रकारिता की हर विधा को सीखने की लगन और चाहत।… और पढ़ें