मुंबई: महराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले मराठा आरक्षण पर अपना स्टैंड साफ करते हुए शरद पवार ने बड़ा दांव खेला दिया है। पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को महाराष्ट्र और केंद्र सरकार से मराठा आरक्षण के विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वह आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने सहित इस संबंध में केंद्र सरकार की किसी भी पहल का समर्थन करेंगे। शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मराठा आरक्षण विवाद को सुलझाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए। शरद पवार ने कहा कि न्यायपालिका ने देश में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर रोक लगा रखी है, लेकिन अगर कोई समस्या है तो सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए और केंद्र सरकार से इसे हटाने का आग्रह करना चाहिए। हम इस प्रयास का समर्थन करेंगे।
राज्य में बनी रहे शांति
एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो का रुख इसके पहले पिछले सप्ताह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नेे भी इस प्रकार की मांग की थी। तब उन्हें सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगियों की आलोचना का सामना करना पड़ा था। मराठा-ओबीसी आरक्षण के लिए जारी संघर्ष को शांत करने के लिए राज्य के सभी राजनीतिक दलों से मिलकर काम करने की अपील करते हुए, एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो ने कहा कि सीएम को हड़ताली शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल के बैठक करनी चाहिए। शरद पवार ने कहा कि ओबीसी नेताओं को भी सर्वदलीय बैठक में बुलाया जाना चाहिए। इसमें एमवीए भी शामिल होगा। इस सुझाव पर सीएम शिंदे ने सोमवार को कहा कि वे महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल मचाने वाले आरक्षण के मुद्दे पर शरद पवार से परामर्श कर रहे हैं। शरद पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि सभी दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में सामाजिक सौहार्द बना रहे।
सीएम शिंदे को आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे को आमंत्रित करना चाहिए, जिन्होंने राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किया था। इसके अलावा, राज्य के मंत्री छगन भुजबल जैसे ओबीसी नेताओं को भी आमंत्रित करना चाहिए।
शरद पवार, NCP (SP) चीफ
केरे का ज्ञापन किया स्वीकार
यह पूछे जाने पर कि क्या जरांगे-पाटिल को मराठा मुद्दे पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए, इस पर शरद पवार ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने और वोट मांगने का अधिकार है। गौरतलब है कि जरांगे पाटिल ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार वादे के मुताबिक आरक्षण व उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो मराठा न केवल महायुति और एमवीए के उम्मीदवारों को हराने के लिए काम करेंगे, बल्कि वह राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे और सत्ता में आने का प्रयास करेंगे। पवार ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य का सामाजिक ताना-बाना सद्भावपूर्ण बना रहे और समुदायों के बीच कोई कड़वाहट पैदा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। मराठा क्रांति ठोक मोर्चा के कार्यकर्ता रमेश केरे पाटिल ने पुणे में पवार के आवास पर उनसे मुलाकात की और आरक्षण के मुद्दे पर उनका रुख जाना। इसके बाद ही राकांपा (एसपी) प्रमुख ने मीडिया को संबोधित किया। पवार ने कहा कि उन्होंने केरे पाटिल द्वारा दिए गए ज्ञापन को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने भी कहा था कि केंद्र सरकार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाए। ठाकरे ने कहा था कि ऐसा होने पर वह सभी सांसदों के साथ पीएम मोदी का समर्थन करेंगे।