नीमकाथाना: राजस्थान के नीमकाथाना में एयरफोर्स जवान बलवीर सिंह तंवर की मौत के बाद बवाल हो गया। बलवीर सिंह की मौत सड़क हादसे में हुई थी। परिजनों और ग्रामीणों ने बलवीर सिंह को सैन्य सम्मान न मिलने पर गुस्सा जताया और नीमकाथाना-जयपुर बाईपास रोड जाम कर दिया। ग्रामीण बलवीर सिंह को शहीद का दर्जा और सरकारी नौकरी की मांग पर अड़े रहे। मामला तब शांत हुआ जब जयपुर से एयरफोर्स की एक टुकड़ी नीमकाथाना पहुंची और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
21 अगस्त को जवान ने अस्पताल में तोड़ा दम
घटना 4 अगस्त की है जब नीमकाथाना के रहने वाले एयरफोर्स जवान बलवीर सिंह तंवर एक सैन्य ट्रक की चपेट में आ गए थे। बलवीर सिंह बेलगाम यूनिट से हथियार जमा करा कर वापस लौट रहे थे। हादसे में गंभीर रूप से घायल बलवीर सिंह का मिलिट्री अस्पताल बेलगाम में इलाज चल रहा था, लेकिन 17 दिन बाद 21 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया।
सैन्य सम्मान को लेकर प्रदर्शन
गुरुवार सुबह जैसे ही बलवीर सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नीमकाथाना पहुंचा, वहां कोहराम मच गया। परिजनों का आरोप था कि बलवीर सिंह को सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। पार्थिव शरीर के साथ सिर्फ दो सैनिक ही आए थे। गुस्साए ग्रामीणों ने नीमकाथाना-जयपुर बाईपास रोड जाम कर दिया और बलवीर सिंह को शहीद का दर्जा देने की मांग करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि बलवीर सिंह की मौत ऑन ड्यूटी हुई है, इसलिए उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए।
दो सैनिक ही पार्थिव देह के साथ आए
सूचना मिलते ही डीएसपी अनुज डाल, एसडीएम राजवीर यादव, तहसीलदार महेश ओला मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों और परिजनों ने आक्रोश जताते हुए कहा, ‘पार्थिव देह को कोई सैनिक सम्मान नहीं दिया गया। सिर्फ दो सैनिक ही पार्थिव देह के साथ आए हैं। न ही वर्दी में एयरफोर्स के जवान साथ में आए हैं।’
जानें क्या है परिजन और ग्रामीणों की मांग
देखते ही देखते लोगों का गुस्सा भड़कता गया और मौके पर जमा सैकड़ों ग्रामीणों और परिजनों ने आक्रोश जताते हुए सैनिक सम्मान और शहीद का दर्जा देने की मांग पर पहले सदर थाने का घेराव कर सड़क मार्ग पर जाम लगा दिया। मौके पर जुटे ग्रामीणों का कहना था, ‘सेना के ट्रक से घटित सड़क हादसे में ऑन ड्यूटी एयरफोर्स जवान घायल हुए थे और इसके बाद इलाज के दौरान निधन हुआ था। ऐसे में मांग है कि जवान बलवीर सिंह की अंत्येष्टि सैनिक सम्मान के साथ करते हुए शहीद का दर्जा भी दिया जाए।’ शहीद और सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों का कहना था कि मांगे मानने पर तिरंगा यात्रा और अंतिम संस्कार की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
एयरफोर्स की टुकड़ी को नीमकाथाना बुलाया गया
इस दौरान जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अजय शर्मा भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण एयरफोर्स की टुकड़ी और सेना का वाहन बुलाने की बात पर अड़े रहे। अंत में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अजय शर्मा ने एयरफोर्स के अधिकारियों से बात कर जयपुर से एयरफोर्स की टुकड़ी को नीमकाथाना बुलवाया। एयरफोर्स की टुकड़ी के करीब 11 बजे सदर थाने में पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने ग्रामीणों को बलवीर सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद करीब 3 घंटे बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। अधिकारियों ने सरकारी नौकरी, शहीद स्मारक और सरकारी संस्थान का नाम बलवीर सिंह के नाम पर रखने का आश्वासन दिया।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई
जयपुर से आई एयरफोर्स की 30 जवानों की टुकड़ी ने बलवीर सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। इससे पहले हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने तिरंगा यात्रा निकाली जो नीमकाथाना शहर से होते हुए बलवीर सिंह के पैतृक गांव पहुंची। तेज बारिश के बीच निकली इस तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘बलवीर सिंह अमर रहें’ के नारे लगाए।
चार बहनों के भाई थे बलवीर सिंह
बलवीर सिंह के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा चार बहनें हैं। बलवीर सिंह चार बहनों के बीच इकलौते भाई थे। इस साल फरवरी में ही उनकी सगाई हुई थी और अक्टूबर में शादी होने वाली थी। बलवीर सिंह के पिता मजदूरी करते हैं। बलवीर सिंह चार साल पहले ही एयरफोर्स में भर्ती हुए थे। उनकी तीन बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि एक बहन अभी अविवाहित है। बलवीर सिंह और उनकी बहन की शादी एक ही दिन यानी अक्टूबर में देवउठनी ग्यारस को होनी थी।