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ईरान ने इजरायल की तरह बनाया महाशक्तिशाली लेजर डिफेंस सिस्टम, परमाणु साइटों की सुरक्षा में किया तैनात

ईरान ने इजरायल की तरह बनाया महाशक्तिशाली लेजर डिफेंस सिस्टम, परमाणु साइटों की सुरक्षा में किया तैनात

तेहरान: ईरान ने पहली बार लेजर डिफेंस सिस्टम का अनावरण किया है। यह लेजर सिस्टम कम ऊंचाई पर उड़ने वाली किसी भी हवाई वस्तु को मार गिराने में सक्षम है। इसे ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। हालांकि, यह लेजर सिस्टम हेलीकॉप्टर, ड्रोन जैसे हमलावरों को ही ढेर कर सकता है। ईरान को डर है कि इजरायल उसके परमाणु प्रतिष्ठानों पर कभी भी हमला कर सकता है। इसका कारण यह है कि इजरायल शुरू से ही ईरान के परमाणु हथियारों को अपने अस्तित्व पर संकट के तौर पर देखता है। यही कारण है कि ईरान के परमाणु संस्थानों पर इजरायल ने अघोषित रूप से कई बार हमले किए हैं।

लेजर सिस्टम से परमाणु प्रतिष्ठानों की करेगा रक्षा

ईरान के प्रेस टीवी ने बताया कि सेना ने देश के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में अपनी एयर डिफेंस एक्सरसाइज के दौरान अत्याधुनिक लेजर डिफेंस सिस्टम का अनावरण किया है। रविवार को जब ईरानी सेना फोर्डो यूरेनियम संवर्धन फैसिलिची के पास सैन्य अभ्यास कर रही थी, तब सेराज (प्रकाश) नामक उपकरण को बाहर निकाला गया। सेना ने इस सिस्टम को साइट के एयर डिफेंस के लिए जरूरी उपकरणों में से एक बताया। ईरान के डिफेंस एक्सपर्ट्स ने लेजर डिफेंस सिस्टम की जमकर तारीफ की है और इसे इजरायल के लेजर ड्रोन के जितना शक्तिशाली करार दिया है।

दुश्मनों के खिलाफ हवाई हमले का अभ्यास

ईरानी सेना ने एयर डिफेंस एक्सरसाइज के दौरान नकली दुश्मनों के खिलाफ विभिन्न रिकॉनसेंस, इंटरसेप्शन, अटैक और डिस्ट्रक्शन जैसे मिशनों को संचालित किया। इस दौरान ईरानी सेना ने कई तरह के एयर डिफेंस सिस्टमों का इस्तेमाल भी किया। ईरानी सेना ने अपने रक्षा के अधिकार के तहत रणनीतिक और संवेदनशील जगहों की रक्षा के लिए सरफेस टू एयर मिसाइलों का इस्तेमाल किया और दुश्मन के हवाई जहाजों पर हमले का अभ्यास किया। ईरानी सेना ने यह नहीं बताया कि युद्धाभ्यास के दौरान कौन-कौन से एयर डिफेंस सिस्टमों को तैनात किया गया था।

खामेनेई ने दिया था अभ्यास का निर्देश

ईरानी सेना ने यह अभ्यास इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई के निर्देश पर किया। इस अभ्यास में ईरान की एलीट इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के अधिकारी भी शामिल थे। इस दौरान सेना के जवानों ने ईरानी राष्ट्र के दुश्मनों द्वारा उत्पन्न खतरों के सामने देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली। ईरान को डर है कि इजरायल और अमेरिका उनके देश पर हमला कर सकते हैं और देश के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

लेखक के बारे में

प्रियेश मिश्र

नवभारत टाइम्स डिजिटल में डिजिटल कंटेंट राइटर। पत्रकारिता में दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसी संस्थाओं के बाद टाइम्स इंटरनेट तक 5 साल का सफर जो इंदौर से शुरू होकर एनसीआर तक पहुंचा है पर दिल गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर और गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर में बसता है। देश-विदेश, अंतरराष्ट्रीय राजनीति/कूटनीति और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि। डिजिटल माध्यम के नए प्रयोगों में दिलचस्पी के साथ सीखने की सतत इच्छा।… और पढ़ें

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