Sooper News
Hot News

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सीट के लिए भारत को अभी और करना पड़ेगा इंतजार, विस्‍तार पर फंसा पेच, जानें

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सीट के लिए भारत को अभी और करना पड़ेगा इंतजार, विस्‍तार पर फंसा पेच, जानें

वॉशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार और भारत की स्थायी सदस्यता के हवाले से कोई खास प्रगति नहीं हो रही है। संयुक्त राष्ट्र में दो पूर्व भारतीय राजदूतों का कहना है कि भारत समेत कई देशों के लगातार प्रयासों के बावजूद यूएनएससी में विस्तार की ओर कदम में नहीं उठाए जा रहे हैं। हालांकि दोनों पूर्व राजदूतों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को इस दिशा में कोशिश जारी रखनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में इस वर्ष के भविष्य के शिखर सम्मेलन (22-23 सितंबर) में संयुक्त राष्ट्र को ‘रीबूट’ करने की योजना पर चर्चा करने के लिए 150 से अधिक विश्व नेताओं के आने की उम्मीद है। इस सम्मेलन से पहले विस्तार की दिशा में प्रगति ना होना निराशाजनक है।

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएनएससी के विस्तार की दिशा में ठोस प्रगति के सवाल पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि 2023 के बाद से केवल संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में काम हुआ है। पिछले वर्षों तक ऐसा नहीं था। साथ ही अब एक डिजिटल रिपॉजिटरी भी है, जहां आप अपने प्रस्ताव रख सकते हैं। वास्तविक प्रगति के संदर्भ में ईमानदारी से कहा जाए तो इसका जवाब सकारात्मक नहीं है।

परिषद में कुछ ही देशों का कब्जा जारी

हाल ही में भारत के कार्यवाहक स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने यूएनएससी में एक खुली बहस के दौरान सुरक्षा परिषद की बनावट में 1945 के पुराने दृष्टिकोण को जिम्मेदार ठहराया। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य अभी भी वे हैं, जिन्हें दूसरे विश्व युद्ध का विजेता माना जाता है। इसी साल जून में ब्राजील के स्थायी प्रतिनिधि सर्जियो फ्रांसा डेनीज ने कहा कि दशकों से इस परिषद के विस्तार की प्रक्रिया को कुछथ ताकतें हर संभव तरीके से रोक रही हैं। यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस (यूएफसी) नाम के ग्रुप, जिसमें कनाडा, इटली और पाकिस्तान शामिल हैं, ने अधिक स्थायी सदस्यों की प्रक्रिया का विरोध और अधिक गैरस्थायी सदस्यता का समर्थन किया है।

2016 से 2020 तक यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर काम करने वालेसैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि जी4 और अन्य देशों के मोहभंग के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता पाने की अपनी कोशिश जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक आकांक्षी देश है, और आकांक्षी देशों के पास लक्ष्य होने चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि अभी यह पुष्टि करना जल्दबाजी होगी कि इस साल यूएनजीए में भारत की रणनीति क्या होगी और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भविष्य के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

लेखक के बारे में

रिजवान

रिज़वान, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई की है। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद वन इंडिया, राजस्थान पत्रिका में काम किया। फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में इंटरनेशनल डेस्‍क पर काम कर रहे हैं। राजनीति और मनोरंजन की खबरों में भी रूचि रखते हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में काम का अनुभव करीब 8 साल है।… और पढ़ें

Read More

Related posts

Kya bot hain! Trump fans accuse Amazon Alexa of ‘election interference’

ravik1910
9 months ago

Lok Sabha extends tenure of parliamentary panel on Waqf bill

ravik1910
6 months ago

Alia Bhatt’s controversial interview re-surfaces as Jigra tanks at box-office Watch

ravik1910
8 months ago
Exit mobile version